Wednesday, May 19, 2010

तुम गोली चलाते आ जाओ, हम तो गले लगाने बैठे है,

तुम गोली चलाते आ जाओ, हम तो गले लगाने बैठे है,
तुम रक्त पात करते रहो, हम अपनी लहू बहाने बैठे है,

तुम हिंसा को ही धरम मानते,हम अहिंसा के मतवाले है,
तुम दोनों गालो पर मारते रहो,हम तो गाँधी को मानने वाले है,
हर बार पीठ पर तुमने वार किया, फिर भी हम सीना ताने बैठे है,
तुम गोली चलाते आ जाओ, हम तो गले लगाने बैठे है,

तुम पडोसी धरम निभा न सके, हम भाई धरम निभाते है,
तुम फ़ौरन हमला कर देते, जब हम वार्ता के लिये बुलाते है,
तुम नफरत की आग उगलते हो,हम ताज सजाये बैठे है,
तुम गोली चलाते आ जाओ, हम तो गले लगाने बैठे है,

हम पकडे गये दुश्मनों को भी,जहाँ कहा वहां पहुचा दिया,
अफजल,कसाब को भी रखे है, तुमने ही अबतक कुछ नहीं किया,
इक विमान अपहरण कर,ले जाओ, हम आस लगाये बैठे है,
तुम गोली चलाते आ जाओ, हम तो गले लगाने बैठे है,

हम भारत के कर्णधार, हम निति निर्धारण करते है,
हमारा नहीं कुछ बिगडने वाला,इसलिये नहीं किसी से डरते है,
हर बार मुर्ख बनते भारत के भोले लोग,इस बार भी बनने को बैठे है,
तुम गोली चलाते आ जाओ, हम तो गले लगाने बैठे है,
तुम रक्त पात करते रहो, हम अपनी लहू बहाने बैठे है,

4 comments:

  1. bahut khub likha hai aapne...
    तुम पडोसी धरम निभा न सके, हम भाई धरम निभाते है,
    तुम फ़ौरन हमला कर देते, जब हम वार्ता के लिये बुलाते है,
    तुम नफरत की आग उगलते हो,हम ताज सजाये बैठे है,
    तुम गोली चलाते आ जाओ, हम तो गले लगाने बैठे है,
    waah bahut khub.....
    yun hi likhte rahein...
    ummeed hai mere blog par bhi aapke darshan honge...
    http://i555.blogspot.com/

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  2. तुम गोली चलाते आ जाओ, हम तो गले लगाने बैठे है,
    तुम रक्त पात करते रहो, हम अपनी लहू बहाने बैठे है,

    हर देश भक्ति की कविता लाजवाब होती है .....

    और यहाँ तो देश की खातिर लहू भने बैठे हैं .......बहुत खूब ....!!

    हम ' अपनी ' को हम अपना कर लें .....!!

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  3. आपने तो कमाल का लिखा..बधाई.
    ***********************

    'पाखी की दुनिया' में आपका स्वागत है.

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  4. Bagi ji.....aapne bahut hee lajwaab likha hai...

    hamare desh ke bholi jantaa aaj bhi kabhi bhi atanki kaaa shikar ban sakti hai.........atankiyo ko paalnaa to yaha ki rajneeti ho gayi hai......bahut khoob likha hai aapne...
    maine kal yah blog khola hai.aap kya varadhast denge... aapke ashirvaad ki kamna karti hoo..... Online books me aapne sehyog kiya .. aap mere pristh par bhi aaye...

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